( मंदिर के पुजारी की प्रेत आत्मा )
जब अमित अमेरिका से वापस आया तो सीधा राघव से मिलने के लिए उसके घर पे आ गया और आकर ही उस से गले मिल गया। राघव भी उसे देखकर बहोत खुश हो गया। राघव बोला “अरे अमित, अमेरिका से कब लौटा? मुझे बताया भी नही?” अमित बोला आज ही लौटा हु, तुम्हे सप्राइस देना चाहता था इसी लिये मैंने तुम्हें नही बताया।
और बता, क्या हाल चाल है? घर में सब कैसे है? राघव ने कहा “सब बढ़िया है और घर में भी सब अच्छे है। तू बता, तू कैसा है? तुम्हारी पढ़ाई पूरी हो गई क्या? “हा, मेरी पढ़ाई तो complete हो गई और अब मैं हमेशा के लिए इंडिया वापस आ गया हूं। अब हम दोनों मिलके खूब मस्ती करेंगे।
राघव ने कहा, “ठीक है, ठीक है, पर आज तुम्हे मेरे घर पे खाना खाने के लिए आना पड़ेगा।” वो बोला, “जरूर आऊंगा, ओर है उसके बाद हम कही घूमने के लिए जाएंगे, कुछ तूफानी करेंगे, ठीक है ना! राघव बोला, “ठीक है..”