
Sign up to save your podcasts
Or
जम्मू कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं. यहां मुख्यधारा की लगभग सारी पार्टियां जैसे-नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा ऐसी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं जिनपर अलगाववाद और ‘आज़ादी’ के नारे लगाने का आरोप है. इन्हीं पार्टियों में से एक पार्टी है शेख राशिद इंजीनियर की आवामी इत्तेहाद पार्टी और दूसरी है जमात-ए-इस्लामी.जमात -ए-इस्लामी अतीत में हथियार के बल पर ‘आजादी की वकालत’ करती रही है. जिसके चलते जमात-ए-इस्लामी पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. वहीं, इस पार्टी के कई नेता जेल में बंद हैं और उनके सारे उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं तलत मजीद, जो पुलवामा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें चुनाव आयोग की ओर से टॉर्च का चुनाव निशान मिला है.
जमात-ए-इस्लामी ने अतीत में अलगाववाद की बात की है और अब वह भारतीय संविधान के तहत चुनाव लड़ रही है. ऐसे में हथियारों के बल पर आजादी से जम्हूरियत के रास्ते राजनीति का यह सफर कैसे हुआ? और कश्मीरी आवाम को वह अब क्या कहकर अपने पक्ष में जुटाते हैं? इन्हीं सब मुद्दों पर हमने तलत मजीद से बात की.
Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
5
44 ratings
जम्मू कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं. यहां मुख्यधारा की लगभग सारी पार्टियां जैसे-नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा ऐसी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं जिनपर अलगाववाद और ‘आज़ादी’ के नारे लगाने का आरोप है. इन्हीं पार्टियों में से एक पार्टी है शेख राशिद इंजीनियर की आवामी इत्तेहाद पार्टी और दूसरी है जमात-ए-इस्लामी.जमात -ए-इस्लामी अतीत में हथियार के बल पर ‘आजादी की वकालत’ करती रही है. जिसके चलते जमात-ए-इस्लामी पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. वहीं, इस पार्टी के कई नेता जेल में बंद हैं और उनके सारे उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं तलत मजीद, जो पुलवामा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें चुनाव आयोग की ओर से टॉर्च का चुनाव निशान मिला है.
जमात-ए-इस्लामी ने अतीत में अलगाववाद की बात की है और अब वह भारतीय संविधान के तहत चुनाव लड़ रही है. ऐसे में हथियारों के बल पर आजादी से जम्हूरियत के रास्ते राजनीति का यह सफर कैसे हुआ? और कश्मीरी आवाम को वह अब क्या कहकर अपने पक्ष में जुटाते हैं? इन्हीं सब मुद्दों पर हमने तलत मजीद से बात की.
Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
83 Listeners
155 Listeners
56 Listeners
50 Listeners
28 Listeners
17 Listeners
26 Listeners
85 Listeners
37 Listeners
16 Listeners
265 Listeners
2 Listeners
46 Listeners
6 Listeners
16 Listeners
128 Listeners
2,052 Listeners
87 Listeners
10 Listeners
85 Listeners
167 Listeners