शीतल को घर आने में काफी देर हो गयी थी, प्रायः वो कॉलेज से 4:30-5:00 तक आ जाती थी, आज पता नहीं क्या बात हो गयी कि रात के 8:00 बज गए और शीतल की कोई खबर नहीं। फोन भी नहीं लग रहा उसका, पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ और कभी किसी सहेली के घर भी जाना होता था तो बता के जाती थी, ऐसे अचानक से गायब होना शीतल का स्वभाव नहीं। शीतल के माता -पिता का मन घड़ी की सुइयों के साथ तमाम तरह की आशंकाओं से ग्रसित हो रहा था और हो भी क्यूँ ना, एक तो मुठ्ठी भर का शहर, ऊपर से आजकल का माहौल, ऐसे में जवान लड़की का यूँ लापता होना किसी बड़ी अनहोनी का इशारा करता है....