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एनएल इंटरव्यू में इस बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद मनोज झा से बातचीत हुई. इसमें ‘इंडिया’ और भारत के बीच उठे विवाद, जी 20 के आयोजन, एक देश, एक चुनाव, संसद का विशेष सत्र के अलावा मीडिया द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने की प्रवृत्ति पर विस्तार से बातचीत हुई.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सत्ता में आने के एक सवाल पर मनोज झा कहते हैं, “यदि हमारी पार्टी की सरकार बनती है तो भाजपा को भी आज़ादी मिलेगी. मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा की सांस भी फूल रही है. भाजपा को भी आज़ादी की ज़रूरत है.”
गठबंधन के नाम को निशाना बनाए जाने और भारत बनाम इंडिया की बहस पर वे कहते हैं, “मीडिया संस्थान कितनी मेहनत करके डॉट लगाकर गठबंधन का नाम लिखते हैं लेकिन पाठक उसे इंडिया ही पढ़ते हैं. हमें ये पता था कि इंडिया नाम रखेंगे तो भाजपा भारत के नाम पर विवाद खड़ा करेगी. इसीलिए हमारी पार्टी ने पहले दिन टैगलाइन निर्धारित की थी- ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया.’ भाजपा और कुछ मीडिया संस्थान जिस तरह से हताश हैं, ऐसा न हो कि वो कहने लगें कि सभी नाम खारिज करके देश का नाम जम्बूद्वीप होना चाहिए.”
जी ट्वेंटी शिखर सम्मेलन को लेकर झा कहते हैं, “किसी भी देश में ऐसा नहीं हुआ है कि कर्फ्यू और सन्नाटे वाले माहौल में जश्न मनाया गया हो. इसमें लोकतंत्र की खुश्बू नहीं आती है, बल्कि राजतंत्र की बदबू आती है.”
इसके अलावा मनोज ने केंद्र सरकार द्वारा 18-23 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र, एक देश, एक चुनाव, पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान सरकारी संस्थाओं में आए बदलाव और मीडिया के सत्ताधारी पार्टी की तरफ झुकाव आदि विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखी.
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एनएल इंटरव्यू में इस बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद मनोज झा से बातचीत हुई. इसमें ‘इंडिया’ और भारत के बीच उठे विवाद, जी 20 के आयोजन, एक देश, एक चुनाव, संसद का विशेष सत्र के अलावा मीडिया द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने की प्रवृत्ति पर विस्तार से बातचीत हुई.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सत्ता में आने के एक सवाल पर मनोज झा कहते हैं, “यदि हमारी पार्टी की सरकार बनती है तो भाजपा को भी आज़ादी मिलेगी. मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा की सांस भी फूल रही है. भाजपा को भी आज़ादी की ज़रूरत है.”
गठबंधन के नाम को निशाना बनाए जाने और भारत बनाम इंडिया की बहस पर वे कहते हैं, “मीडिया संस्थान कितनी मेहनत करके डॉट लगाकर गठबंधन का नाम लिखते हैं लेकिन पाठक उसे इंडिया ही पढ़ते हैं. हमें ये पता था कि इंडिया नाम रखेंगे तो भाजपा भारत के नाम पर विवाद खड़ा करेगी. इसीलिए हमारी पार्टी ने पहले दिन टैगलाइन निर्धारित की थी- ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया.’ भाजपा और कुछ मीडिया संस्थान जिस तरह से हताश हैं, ऐसा न हो कि वो कहने लगें कि सभी नाम खारिज करके देश का नाम जम्बूद्वीप होना चाहिए.”
जी ट्वेंटी शिखर सम्मेलन को लेकर झा कहते हैं, “किसी भी देश में ऐसा नहीं हुआ है कि कर्फ्यू और सन्नाटे वाले माहौल में जश्न मनाया गया हो. इसमें लोकतंत्र की खुश्बू नहीं आती है, बल्कि राजतंत्र की बदबू आती है.”
इसके अलावा मनोज ने केंद्र सरकार द्वारा 18-23 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र, एक देश, एक चुनाव, पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान सरकारी संस्थाओं में आए बदलाव और मीडिया के सत्ताधारी पार्टी की तरफ झुकाव आदि विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखी.
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