
Sign up to save your podcasts
Or


आज रिवर्स गियर के नए एपिसोड पर मोहम्मद अरशद बात करेंगे उन दिनों की जब आसानी से बस या ट्रेन पकड़ कर लोग त्योहारों पर, दिवाली-दशहरा पर, बेफिक्र होकर जाया करते थे। अब तो आलम ये है कि माँ बुला-बुला कर रह जाती है, बॉस भी end में छुट्टी दे ही देते हैं मगर ट्रेन के टिकट नहीं मिलते। अरशद आपको वापस ले जायेंगे उस बेफिक्र समय में जब छुट्टी का मतलब छुट्टी हुआ करता था, लैपटॉप पर काम नहीं।
By ABP Live Podcastsआज रिवर्स गियर के नए एपिसोड पर मोहम्मद अरशद बात करेंगे उन दिनों की जब आसानी से बस या ट्रेन पकड़ कर लोग त्योहारों पर, दिवाली-दशहरा पर, बेफिक्र होकर जाया करते थे। अब तो आलम ये है कि माँ बुला-बुला कर रह जाती है, बॉस भी end में छुट्टी दे ही देते हैं मगर ट्रेन के टिकट नहीं मिलते। अरशद आपको वापस ले जायेंगे उस बेफिक्र समय में जब छुट्टी का मतलब छुट्टी हुआ करता था, लैपटॉप पर काम नहीं।

0 Listeners

0 Listeners

0 Listeners

0 Listeners

0 Listeners