यूक्रेन हमें दूर बसा देश लगता था लेकिन आज उसकी हर खबर जानने के लिए लोग उत्सुक हैं. लग रहा है मानो वो मोहल्ले का ही कोई घर है जहां बस जंग छिड़ने को है. दुनिया में डर फैला है कि जाने कब रूस की सेना यूक्रेन में घुस जाए! भारत के यूक्रेन से गहरे रिश्ते हैं; हज़ारों छात्र वहां हर साल पढ़ने जाते हैं, व्यापारिक रिश्ते भी फल फूल रहे हैं. आज के पढ़ाकू नितिन की बैठकी में बात करेंगे जेएनयू में असोसिएट प्रोफेसर अमिताभ सिंह से और उन छात्रों से भी जो यूक्रेन में अभी तक मौजूद हैं. जानेंगे कैसा है यूक्रेन का माहौल, इस झगड़े का असल विलेन कौन है, रूस और यूक्रेन एक-दूसरे से चाहते क्या हैं?
इस पॉडकास्ट में सुनिए:
यूक्रेन में भारतीय छात्र क्या महसूस कर रहे हैं?
पूर्वी और पश्चिमी यूक्रेन में फ़र्क़ क्या है?
क्या वाकई जंग बस होने ही वाली है?
पुतिन के लिए यूक्रेन का मुद्दा क्यों ज़रूरी?
यूक्रेन से रूस असल में चाहता क्या है?
यूक्रेन की सरकार ने क्या चाहा जो रूस भड़का?
क्या यूक्रेन मामले पर NATO में मतभेद है?
क्रीमिया और डोनबास का मामला कितना अलग?
क्या बाइडेन सिर्फ रूस को विलेन दिखाना चाहते हैं?
इस झगड़े में भारत कहां खड़ा है?