नव वर्ष की हार्दिक बधाई 🎉🎉इस में निखिल जी नितिन जी ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए अध्याय 10 से 18 तक के श्लोकों को बहुत ही सरलता से उधारण देते हुए समझाया🌹भगवान को पाने के बहुत से रास्ते हैं_ज्ञान योग,ध्यान योग और भक्ति योग,परंतु अनन्य भाव से की हुई शुद्ध भक्ति द्वारा हम प्रभु को आसानी से पा सकते हैं🌹प्रभु को हम निराकार और साकार दो तरह से पा सकते हैं,निराकर में प्रभु को पाना थोड़ा मुश्किल है,पर साकार रूप में भगवान को पाना आसान है,जैसे भगवान की मूर्ति को सामने रखकर ध्यान लगाना और कथा कीर्तन श्रवण करना और प्रभु की लीलाओं का गुणगान करना🌹इसके लिए हमें प्रभु को समर्पण करना है और कोई रिश्ता बनाना है,जैसे माता पिता,भाई या दोस्ती का ,तो शुद्ध भक्ति और प्रेम द्वारा भगवान भक्त के वश में आ जाते हैं🌹आगे भगवान कहते हैं कि सब धर्मों का त्याग करके मेरी शरण में आजा,मैं तुम्हे सब पापों से मुक्त कर दूंगा, तू शोक और चिंता को छोड़ कर मेरी भक्ति में खो जा🌹भगवान की शुद्ध भक्ति पाने के लिए हमें जी भी ज्ञान मिल रहा है ,उसे आगे बांटना है,ऐसा करने से प्रभु का धाम मिलेगा इसमें कोई संदेह नहीं👍तो हमें अर्जुन जैसे भक्त बनना है ,यहां भगवान श्री कृष्ण हैं वहां पर ऐश्वर्य और जीत पक्की है,तो हमेशा जपते रहें __हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे रामा, रामा रामा हरे हरे 🙏🙏 श्रीमद् भगवद गीता की जय🙏🙏