Anant Chaturdashi Mantra अनंत चतुर्दशी मन्त्र ■
अग्नि पुराण के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके इस व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद मंदिर में कलश स्थापना करके भगवान विष्णु की तस्वीर लगाएं। अब एक डोरी को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें 14 गांठें सगा लें। अब इसे भगवान विष्णु जी को चढ़ाकर पूजा शुरू करें।
इस दिन पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें ★
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव । अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते। ★
इसके बाद पूजा में बैठे पुरुष सूत्र को अपने दाएं हाथ के बाजू और महिलाएं बाएं हाथ के बाजू पर बांध लें। सूत्र बांधने के बाद यथा शक्ति ब्राह्मण को भोज कराएं और प्रसाद ग्रहण करें।
अनंत चतुर्दशी की पूजा से लाभ
-यह पूजा ग्रहों की अशुभता को भी दूर करती है - कुंडली में काल सर्प दोष होने पर इस दिन पूजा करने से लाभ मिलता है। - अनंत चतुर्दशी की पूजा जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करती है ।