झालावाड़ जिले के अकलेरा ब्लॉक में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खुरी में शिक्षिका नीलू राठौर ने अपने प्रयासो से बच्चों के शैक्षणिक सहित समाजिक विकास के माध्यम से विद्यालय की सूरत ही बदल दी। राठौर ने दूसरे के भरोसे नही अपने खुद के अंदर एक भामाशाह को देखा और आगे बढ़ गई। जबकि आज भी कई विद्यालय जर्जर हालत में है लेकिन जिम्मेदार शिक्षक बजट का इंतजार करते देखे गए है। ऐसे में शिक्षिका के इन प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। शिक्षिका 2016 में स्टाफिंग पैटर्न से स्थानांतरित होकर आई। उन्होंने देखा कि विद्यालय में भी अन्य विद्यालय की तरह ही भौतिक सुख सुविधाओं का अभाव था। परन्तु ग्रामीण क्षेत्र से उनका अत्यंत लगाव हमेशा से रहा है। इसलिए गांव के माहौल को समझने में उन्हें ज़रा भी देर नहीं हुई। उन्होंने गांव के घर घर में जाकर ग्राम सर्वे करके गांव की साक्षरता दर की जानकारी ली। जब वो विद्यालय में आई थी तब विद्यालय में नामांकन 69 था। स्टॉफ की मदद से गांव वालों को समझा कर विद्यालय हित मे कार्य कर ही रही थी कि 2016 में उनका जो भी पुराना स्टॉफ था। उनका धीरे धीरे स्थानांतरण हो गया। विद्यालय की जिम्मेदारी अकेले उन पर आ गई। नवीन पदस्थापन से 2 शिक्षिकाएं विद्यालय में जरूर थी। परंतु वो अभी नई थी गांव के वातावरण से ज्यादा परिचित नही थी। इसलिए शिक्षिका ने कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका का चार्ज ग्रहण किया।गाँव के माहौल से वो जरा नही घबराई उन्होंने तो अपना लक्ष्य तय कर ही लिया था।
2018 के बाद से स्कूल के हालात बदलने लगे। कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका नीलू राठौर की मेहनत से न केवल स्कूल की बल्कि बच्चो में भी परिवर्तन होने लगा। ग्राम सर्वे करके घर घर जाकर अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने लगीं। उसका परिणाम ये हुआ कि विद्यालय का नामांकन ओर ठहराव दोनों ही बढ़ने लगे।
शिक्षिका जब से यहाँ प्रधानाध्यापिका बनी है तब से विद्यालय में बच्चो की शिक्षण व्यवस्था में बहुत ही सुधार हुआ है। विद्यालय में आकर्षक पुताई। मैन गेट व अन्य कमरों के गेट की पुताई लंबे समय के बाद शिक्षिका ने ही कराई। बच्चों के लिए विद्यालय में आकर्षक पेंटिंग कराई। स्टाफ की मदद से पुताई कराई। दीवारों पर बच्चों के ज्ञानवर्धक टीएलएम बनवाई गई। साथ ही आकर्षक विज्ञान गणित अंग्रेजी के कठिन शब्द हिंदी की व्याकरण आदि के तकरीबन 40 चार्ट जो खुद प्रधानाध्यापिका ने बनाए। वो भी विद्यालय कक्ष में लगे हुए है । बच्चो को खेल खेल में विभिन्न गतिविधिया करके रोचक तरीके से पढ़ाया जाने लगा। अंग्रेजी की क्रियाए, अंग्रेजी के छोटे छोटे वाक्य सब कुछ खेल खेल में सिखाया जाने लगा।
सप्ताह में 2 दिन अंतिम कालांश में नृत्य भी सिखाया
प्रधानाध्यापिका ने बच्चों को नृत्य भी सिखाया इसी के परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस शिक्षक दिवस ओर 8 वी कक्षा की विदाई में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम में प्रस्तुति देने से छुपी प्रतिभाएं गांव वालों के सामने आने लगी।
विद्यालय की प्रगति से खुश है अधिकारी
शिक्षा अधिकारी जब भी विद्यालय में आते है प्रगति को देख कर बहुत खुश होते है।ऑफिस का प्रत्येक दस्तावेज व् रजिस्टर विद्यालय में भलीभांति संधारित किया है। व संपूर्ण कार्य पूर्ण रहता है। साथ ही अधिकारियों ने विद्यालय में जब बच्चों का मूल्यांकन किया जाता है। तो शैक्षिक स्थिति भी मजबूत पाई जाती है। इससे अधिकारी भी प्रसन्न होकर जाते है।
शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक तरह से अब बच्चो का विकास हुआ।
बच्चो को कॉपी पेन समस्त स्टेशनरी भी स्टेशनरी बैंक विद्यालय से ही दी जाती है। विद्यालय में मीना मंच ओर मीना वाचनालय का भी सफल संचालन होने लगा। बच्चों ने 2018 में पहली बार मीना मेले में भाग लिया और नृत्य प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, नाटक मंचन में बच्चों ने प्रथम स्थान हासिल किया। तब से ये क्रम लगातार जारी है। रोचक प्रार्थना सभा व्यायाम योग रोचक पठान व्यवस्था समूह में कार्य करना खेलकूद के द्वारा शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक हर तरह से अब बच्चों का विकास हुआ। रोचक पठन व्यवस्था में उनके स्टॉफ की शिक्षिकाएं मल्लिका शेरावत और प्रियंका शर्मा भी अपनी भूमिका बखूबी निभाकर रोचक तरीके से पढ़ाती है। प्रधानाध्यापिका ने निःशुल्क चरण पादुका व बेग वितरण समारोह का आयोजन किया इसमें प्रधानधापिका ने स्वयं के खर्च पर सभी बच्चों को बहुत ही सुंदर बेग वितरित किए गए औऱ विद्यालय की अन्य शिक्षिका मलिका की सहयोग से चरण पादुका वितरित की।
विद्यालय रखरखाव पर दिया ध्यान
विद्यालय के आस पास जंगल एरिया होने से कक्षा कक्ष में जहरीले जानवर आ जाते थे।बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए हर कक्षा कक्षों में स्टील की मच्छर जालिया लगवाई।