Rajat Jain 🚩 #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers

Ath Athai Rasa अथ अठाई रासा


Listen Later

Ath Athai Rasa अथ अठाई रासा •
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार || टेक |
जम्बूद्वीप सुहावणो, लख-योजन विस्तार ||
भरतक्षेत्र दक्षिण-दिशा, पोदनपुर तहँ सार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१||
विद्यापति विद्याधरी, सोमा राणी राय |
समकित पालें मन-वचे, धर्म सुनें अधिकाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२||
चारणमुनि तहाँ पारणे, आये राजा गेह |
सोमाराणी आहार दे, पुण्य बढ़ो अति गेह |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||३||
ताहि समय नभ-देवता, चाले जात विमान |
जय-जय शब्द भयो घनो, मुनिवर पूछ्यो ज्ञान |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||४||
मुनिवर बोले रानि सुन, नंदीश्वर की जात्र |
जे नर करहिं स्वभाव सों, ते पावें शिवकांत |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||५||
ऐसो वच राणी सुन्यो, मन में भयो आनंद |
नंदीश्वर-पूजा करें, ध्यावें आदि जिनंद |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||६||
कार्तिक फागुन साढ़ में, पालें मन-वच-काय |
आठ-दिवस पूजा करें, तीन भवांतर थाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||७||विद्यापति सुन चालियो, रच्यो विमान अनूप |
रानी बरजे राय को, तुम हो मानुष-भूप |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||८||
मानुषोत्तर लंघे नहीं, मानुष जेती जात |
जिनवाणी निश्चय कही, तीन-भुवन विख्यात |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||९|| पर विद्यापति ना सुनि, चल्यो नंदीश्वर-द्वीप |
मानुषोत्र-गिरसों मिलो, जाय विमान महीप |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१०||
मानुषोत्र की भेंट तें, परो धरनि खिर भार |
विद्यापति-भव चूरियो, देव भयो सुरसार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||११||
द्वीप-नंदीश्वर छिनक में, पूजा वसु-विध ठान |
करी सु मन-वच-काय से, माल लई कर मान |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१२||
आनंद सों घर आइयो, नंदीश्वर कर जात्र |
विद्यापति को रूप धर, राणी सों कहे बात |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१३||
राणी बोली सुन राजा, यह तो कबहुँ न होय |
जिनवाणी मिथ्या नहीं, निश्चय मन में सोय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१४||
नंदीश्वर की माल ले, राय दिखाई आय |
अब तू साँचों जान मोहि, पूजन कर बहु भाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१५||
रानी फिर ता सों कहे, नर-भव परसे नाहिं |
पश्चिम सूरज-उदय हुए, जिनवाणी शुचि ताहि |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१६||
रानी सों नृप फिर कही, बावन-भवन जिनाल |
तेरह-तेरह मैं वंदे, पूजन करि तत्काल |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१७||
जयमाला तहँ मो मिली, आयो हूँ तुझ पास |
अब तू मिथ्या मान मत, कर मेरो विश्वास |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१८||
पूरब-दक्षिण में वंदे, पश्चिम-उत्तर जान |
मैं मिथ्या नहिं भाषहूँ, श्रीजिनवर की आन |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||१९||
हे रानी तें सच कही, जिनवानी शुभ-सार |
ढाई द्वीप न लंघई, मानुष-भव विस्तार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२०||
विद्यापति तें सुर भयो, रूप धरो शुभ सोय |
रानी की स्तुति करी, निश्चय समकित तोय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२१||
देव कह्यो अब रानि सुन, मानुषोत्र मिलो जाय |
तहँ तें चय मैं सुर भयो, पूजे नंदीश्वर पाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२२||
एक भवांतर मो रह्यो, जिनशासन परमान |
मिथ्याती माने नहीं, श्रावक निश्चय आन |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२३||
सुर-चय नर हथनापुरी, राज कियो भरपूर |
परिग्रह-तजि संयम लियो, कर्म-महागिर चूर |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२४||
केवलज्ञान उपाय कर, मोक्ष गये मुनिराय |
शाश्वत-सुख विलसे जहाँ, जामन-मरन मिटाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२५||
अब रानी की सुन कथा, संयम लीनो धार |
तपकर चयकर सुर भयी, विलसे सुख विस्तार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२६||
गजपुर नगरी अवतरो, राज करे बहु भाय |
सोलहकारण भाइयो, धर्म सुन्यो अधिकाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२७||
मुनि संघाटक आइयो, माली सार जनाय |
राजा वंद्यो भाव सों, पुण्य बढ़्यो अधिकाय |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२८||
राजा मन वैरागियो, संयम लीनो सार |
आठ सहस नृप साथ ले, यह संसार-असार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||२९||
केवलज्ञान उपाय के, दोय-सहस निर्वान |
दोय-सहस सुख स्वर्ग के, भोगे भोग सुथान |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||३०|| चार-सहस भूलोक में, हंडे बहु-संसार |
काल पाय शिवपुर गये, उत्तम-धर्म विचार |
प्राणी वरत अठाई जे करें, ते पावें भव-पार ||३१||
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

Rajat Jain 🚩 #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #PrayersBy Rajat Jain

  • 5
  • 5
  • 5
  • 5
  • 5

5

2 ratings


More shows like Rajat Jain 🚩 #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers

View all
The Rich Roll Podcast by Rich Roll

The Rich Roll Podcast

11,762 Listeners

The Stories of Mahabharata by Sudipta Bhawmik

The Stories of Mahabharata

872 Listeners

Om - Chanting and Recitation by Sukadev Bretz - Joy and Peace through Mantra

Om - Chanting and Recitation

7 Listeners

Kalupur Mandir by Shree Swaminarayan Mandir Kalupur

Kalupur Mandir

5 Listeners

The Workshop is in the Mind by Ven. Robina Courtin

The Workshop is in the Mind

39 Listeners

Guided Sleep Meditation & Sleep Hypnosis from Sleep Cove by Sleep Hypnosis, Meditations and Bedtime Stories

Guided Sleep Meditation & Sleep Hypnosis from Sleep Cove

2,255 Listeners

Khatu Naresh Bhajan by Hubhopper

Khatu Naresh Bhajan

1 Listeners

Choosing Gratitude by Karin Yee

Choosing Gratitude

6 Listeners

Hanuman Chalisa by Jay Sharma

Hanuman Chalisa

0 Listeners

Buddhability by SGI-USA

Buddhability

591 Listeners

Krishan Bhajan by Hubhopper

Krishan Bhajan

2 Listeners

Hanuman Aarti Sangrah by Rajshri Entertainment Private Limited

Hanuman Aarti Sangrah

0 Listeners

The Great Unbecoming by Eric Feltes

The Great Unbecoming

19 Listeners

Zephyr Yoga Podcast by Zephyr Wildman

Zephyr Yoga Podcast

4 Listeners

Wisdom of the Masters by Samaneri Jayasara

Wisdom of the Masters

64 Listeners