दिल्ली से सटे नोएडा के 17 वर्षीय देव करन ने ग्रामीण इलाक़ों में तालाबों की अनदेखी को नज़रअन्दाज़ करने के बजाय, कुछ ऐसा करने का बीड़ा उठाया, जिसने अनेक तालाबों की सफ़ाई के लिए, लोगों नई ऊर्जा भर दी है. देव करन ने इस काम के लिए वर्ष, 2024 में Pondora नामक संस्था शुरू की - एक ऐसी पहल जो सामुदायिक भागेदारी और किफ़ायती तकनीक की मदद से भारत के तालाबों का मानचित्रण, पुनर्स्थापन और संरक्षण करती है. उनकी परियोजना, अहम जल-स्रोतों को बचाने व टिकाऊ जल प्रबन्धन के बारे में युवजन व समुदायों को जागरूक एवं सक्रिय बनाती है.देव करन को, जिनीवा स्थित यूएन मुख्यालय में आयोजित युवा कार्यकर्ता सम्मेलन (YAS25) में सम्मानित दुनिया के पाँच चुनिन्दा युवा परिवर्तनकारियों में स्थान मिला है. यह सम्मेलन तकनीक के ज़रिए सामाजिक एवं पर्यावरणीय बदलाव ला रहे युवाओं को पहचान देता है.इस वर्ष सम्मेलन का विषय था “From Hashtag to Action”, यानि ऑनलाइन आवाज़ों को वास्तविक ज़मीनी बदलाव में बदलना.यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने, जिनीवा से हाल ही में भारत वापिस लौटे देव करन के साथ, नई दिल्ली स्थित यूएन कार्यलय में ख़ास बातचीत की और उनकी परियोजना के बारे में जानकारी हासिल की.