फ़िल्में माध्यम होती हैं - कहानियाँ सुनाने का – ख़ुशी और ग़म, प्यार और दर्द, जीत और हार की कहानियाँ. भारत में संयुक्त राष्ट्र ने इस सप्ताह, यूनेस्को व ब्रदरहुड जैसे भागीदारों के साथ मिलकर, We Care फ़िल्मोत्सव का आयोजन किया. इस फ़िल्मोत्सव में, एक दृष्टिहीन व्यक्ति की कहानी पर बनी भारत की फ़िल्म ‘श्रीकान्त’ से लेकर, विकलांगता के कई आयामों को छूती रूस, इसराइल व ईरान जैसे देशों की कई फ़िल्मों को पुरस्कार से नवाज़ा गया. कार्यक्रम में विकलांग समावेशन पर पैनल चर्चाएँ भी हुईं, जिनमें सिनेमा जगत में विकलांगजन के प्रतिनिधित्व वाली अधिक फ़िल्मों को प्रोत्साहन देने पर बल दिया गया, जिससे समाज में इन मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ सके. पैनल चर्चा के बाद यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने बात की, संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) में संचार प्रमुख परविन्दर सिंह के साथ जो ख़ुद एक विकलांग व्यक्ति होने के नाते, वर्षों से विकलांगजन के अधिकारों व समावेशन के क्षेत्र में काम करते रहे हैं...