Dev Prabodhini Ekadashi Mantra देव प्रबोधिनी एकादशी मन्त्र ◆
देव प्रबोधिनी एकादशी जिसे देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है, के दिन कुछ मंत्रों का जाप कर भगवान विष्णु को निद्रा से उठाया जाता है. मान्यता है कि देव प्रबोधन मंत्र से दिव्य तत्वों की जागृति होती है। ★
देव प्रबोधन मंत्र
★ ब्रह्मेन्द्ररुदाग्नि कुबेर सूर्यसोमादिभिर्वन्दित वंदनीय,
बुध्यस्य देवेश जगन्निवास मंत्र प्रभावेण सुखेन देव।
उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते,
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्।
उत्थिते चेष्टते सर्वमुक्तिष्ठोक्तिष्ठ माधव॥
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अर्थात- अर्थात- ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अग्नि, कुबेर, सूर्य, सोम आदि से वंदनीय, हे जगन्निवास, देवताओं के स्वामी, आप मंत्र के प्रभाव से सुखपूर्वक उठें। हे गोविंद! आप जग जाइए। आप निद्रा का त्याग कर उठ जाइए। हे जगन्नाथ! आपके सोते रहने से यह सम्पूर्ण जगत सोता रहेगा। आपके उठने पर सभी लोग कार्यों में प्रवृत्त हो जाएंगे। हे माधव! उठ जाइए।