दुनिया के महत्वपूर्ण धर्मों में विशेष स्थान रखने वाला हिन्दू धर्म, जो पुरातन और सनातन है, इसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। जो भी धार्मिक हैं वो पूजा अवश्य करते हैं लेकिन पूजा करने का अर्थ सिर्फ ये नहीं है कि फल, फूल, मिठाई, इत्यादि भगवान को अर्पित किया, धूप, अगरबत्ती दिखाई और भगवान से कुछ मांग लिया। वास्तव में पूजा करने का अर्थ इससे कहीं गहरा है जहाँ भक्त का हृदय परमात्मा से जुड़ जाता है। तो क्या अर्थ है पूजा का और ये कैसे करनी चाहिए?