जैन धर्म में ॐ ★ अरहंता असरीरा आइरिया तह उवज्झया मुणिणो। पढमक्खरणिप्पणो ओंकारो पंचपरमेष्ठी।।।
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जैनागम में अरिहंन्त, सिद्ध आचार्य, उपाध्याय एवं साधु यानी मुनिरूप पाँच परमेष्ठी ही आराध्य माने गये हैं। इनके आद्य अक्षरों को परस्पर मिलाने पर 'ओम्' 'ओं' बन जाता है।
जैन धर्म में ॐ ★ अरहंता असरीरा आइरिया तह उवज्झया मुणिणो। पढमक्खरणिप्पणो ओंकारो पंचपरमेष्ठी।।।
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जैनागम में अरिहंन्त, सिद्ध आचार्य, उपाध्याय एवं साधु यानी मुनिरूप पाँच परमेष्ठी ही आराध्य माने गये हैं। इनके आद्य अक्षरों को परस्पर मिलाने पर 'ओम्' 'ओं' बन जाता है।
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