योग वशिष्ठ वैराग्य प्रकरण अध्याय 01
सुतीक्ष्ण और अगस्त्य, कारुण्य और अग्निवेश्य, सुरुचि और देवदूतों तथा अरिष्टनेमि और वाल्मिकी के संवाद का उल्लेख करते हुए भगवान राम के अवतार में ऋषियों के श्राप का कारण बताना।
योग वशिष्ठ सनातन परंपरा का बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रंथ है बिना योग्य वशिष्ठ को पढ़े या सुन हम भगवान राम के बारे में नहीं जान सकते इसलिए जो भी राम भक्त हैं उनके लिए यह अनिवार्य है कि वह योग वशिष्ठ का अध्ययन श्रवण अवश्य करें।