कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल व्यापक क्षेत्रों में तेज़ी से हो रहा है, विशेष रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए. मगर, सिविल उद्देश्यों और रणभूमि व हथियार प्रणालियों में एआई टैक्नॉलॉजी के उपयोग को मानव देखरेख के दायरे में लाया जाना ज़रूरी है. संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण शोध संस्थान (UNIDIR) में एसोसिएट रिसर्चर शिमोना मोहन ने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में बताया कि कुछ ही सालों में टैक्नॉलॉजी में निरन्तर बदलाव आ रहे हैं, और इसलिए उन्हें परिभाषित करने के बजाय उनकी चारित्रिक विशेषताओं (characteristics) को देखकर ही नीतिगत व नियामन समाधान तैयार किए जाने होंगे.उन्होंने कहा कि एआई टैक्नॉलॉजी को विकसित करने की प्रक्रिया में लैंगिक परिप्रेक्ष्य का ध्यान रखा जाना भी अहम है, ताकि पूर्वाग्रहों और महिलाओं या बच्चों पर इसके हानिकारक प्रभावों से बचा जा सके.