Navgrah Shanti Mantra नवग्रह शांति मंत्र
★ ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।। ★
ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र सम्पूर्ण आधार सौरमंडल में स्थित सभी 9 ग्रह होते हैं। ज्योतिष के अनुसार सौर मंडल में सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहू और केतु आदि कुल नवग्रह है। कहा जाता है कि ये सभी नवग्रह मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी करने में सक्ष्म होते हैं। हर रोज इनके मंत्र का जप करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलने के साथ एक साथ सैकड़ों मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
इस नवग्रह मंत्र का हर रोज 108 बार लगातार 40 दिनों तक करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और जपकर्ता की सभी कामनाएं पूरी कर देता है।