सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय महाराष्ट्र स्लम क्षेत्र (सुधार, निकासी और पुनर्विकास) अधिनियम, 1971, जिसे 2018 में संशोधित किया गया था, के तहत पुनर्विकास व्यवस्था की व्याख्या करता है। विश्लेषित प्रमुख वैधानिक प्रावधानों में अध्याय 1-A, धारा 3B (एसआर योजनाएँ), धारा 3C (एसआर क्षेत्र की घोषणा), धारा 3D, धारा 13 (स्वामी के अधिमान्य पुनर्विकास अधिकार), और धारा 14 (अधिग्रहण के लिए राज्य का अधिकार) शामिल हैं। यह मामला उचित प्रक्रिया, स्वामी के अधिकारों और स्लम पुनर्वास प्राधिकरण की भूमिका को स्पष्ट करता है।