Panch Parmeshthi Mahamantra पंच परमेष्ठी महामन्त्र ★ ॐ ह्रीं श्री त्रिकाल संबंधी पंच परमेष्ठीभ्यो नमः ★ यह सर्व कार्य सिद्धि दायक, सर्वश्रेष्ठ विन्तामणी महामंत्रों का महामंत्र है। इसकी महिमा देव, नाग, नरेन्द्र, इन्द्र आदि भी नहीं बता सकते हैं। इसके प्रभाव का वर्णन तो सिर्फ केवली भगवान ही कर सकते है। अन्य दूसरा नहीं। यह मंत्र चिन्तामणि, रतन के समान चिन्तित फल देता है, कल्पवृक्ष के समान कल्पना करने से सभी कार्य पूर्ण होते हैं। सम्पूर्ण ऋद्धियाँ - सिद्धियां, सुख - समृद्धि शान्ति आनंद, वैभव-प्रभाव, धन-धान्य, प्रतिष्ठा - सम्मान, आदि इस महामंत्र से प्राप्त होता है। समस्त प्रकार के दुख संकट, कष्ट वेदना, उपद्रव विघ्न बाधाएँ परेशानियां इस मंत्र से दूर हो जाती हैं। सर्वत्र विजय प्राप्त होती है। इस मंत्र के प्रभाव से अग्नि जल बन जाती है। जहर-अमृत में बदल जाता है। सर्प-फूल की माला बन जाता है। सूर्य चन्द्र के समान व चन्द्र सूर्य के समान हो जाता है। पृथ्वी स्वर्ग के समान हो जाती है, सर्व जीव जन्तु का विष नष्ट हो जाता है, शत्रु मित्र हो जाते हैं। दुष्ट ग्रह शुभ हो जाते है। निशाचर भूत प्रेत डाकिनी शाकिनी आदि मंत्र के स्मरण से भाग जाते है। अधिक क्या कहा जाए तीन लोक में ऐसी कोई वस्तु नहीं जो इस महामंत्र के प्रभाव से प्राप्त नहीं की जा सकें। अर्थात् इस मंत्र से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम-मोक्ष) प्राप्त होते हैं।