Parvati Panchak Stotram पार्वती पंचक स्त्रोत्रम् ★
वह लड़के या लड़कियां विवाह का योग नहीं बनता है, और वह अनेक विफल उपाय करा लेते हैं तो पार्वती पंचक स्त्रोत्र का भोलेनाथ के मंदिर में जाकर हर रोज उसका पाठ करें जिससे उसका विवाह का योग बहुत ही जल्द बनता है। इस पाठ को आप ब्राह्मण के द्वारा भी करवा सकते हैं या फिर खुद महादेव के मंदिर में जाकर कर सकते हैं. अगर आप खुद करते हैं तो उसका ज्यादा फायदा होगा। ★
धराधरेन्द्र नन्दिनी शशंक मालि संगिनी,
सुरेश शक्ति वर्धिनी नितान्तकान्त कामिनी।
निशाचरेन्द्र मर्दिनी त्रिशूल शूल धारिणी,
मनोव्यथा विदारिणी शिव तनोतु पार्वती ।
भुजंग तल्प शामिनी महोग्रकान्त भागिनी,
प्रकाश पुंज दायिनी विचित्र चित्र कारिणी।
प्रचण्ड शत्रुधर्षिणी दया प्रवाह वर्षिणी,
सदा सुभग्य दायिनी शिव तनोतु पार्वती। ।
प्रकृष्ट सृष्टि कारिका प्रचण्ड नृत्य नर्तिका ,
पिनाक पाणिधारिका गिरिश ऋग मालिका।
समस्त भक्त पालिका पीयूष पूर्ण वर्षिका,
कुभाग्य रेखमर्जिका शिव तनोतु पार्वती ।
तपश्चरी कुमारिका जगत्परा प्रहेलिका,
विशुद्ध भाव साधिका सुधा सरित्प्रवाहिका।
प्रयत्न पक्ष पौसिका सदार्धि भाव तोषिका,
शनि ग्रहादि तर्जिका शिव तनोतु पार्वती ।
शुभंकरी शिवंकरी विभाकरी निशाचरी,
नभश्चरी धराचरी समस्त सृष्टि संचरी ।
तमोहरी मनोहरी मृगांक मालि सुन्दरी,
सदोगताप संचरी,शिवं तनोतु पार्वती।।
पार्वती पंचक नित्यमधीयते यत कुमारिका,
दृष्कृतं निखिलं हत्वा वरं प्रप्नोति सुन्दरम।।