Radha Krishna Yugal Mantra राधा कृष्ण युगल मंत्र • भगवान श्री कृष्ण के प्राण, श्री राधा रानी के हृदय में बसते हैं, और श्री राधारानी के प्राण भगवान श्री कृष्ण के हृदय में बसते हैं। वह जीवन नित्य धन्य है, जो श्री राधा कृष्ण के आश्रय में व्यतीत होता है। • वृंदावनेश्वरी राधा, कृष्णो वृंदावनेश्वरः । जीवनेन धने नित्यं राधा कृष्ण गतिर्मम ॥ •
अर्थात : श्री राधा रानी वृंदावन की स्वामिनी हैं और भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के स्वामी हैं। श्री राधा कृष्ण के परम आश्रय में मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण व्यतीत हो ।
अत: भवसागर से पार कराने वाला, माया के बंधन से छुड़ाने वाला, कलियुग में श्री राधा कृष्ण का युगल मंत्र ही एक मात्र उपाय है।