Ram Dhun राम धुन ■
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि,
मन हमारा हुआ, राम राम जी का सुआ,
बोले राम राम, हरपल राम राम,
निशदिन राम राम, जय श्री राम राम,
हे राम ही राम रटे बैरागी,
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि।।
बिन कारण रोए हँसे, अजब हमारा हाल,
हम गाते है राम धुन, दुनिया देती ताल,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
राम रसपान कर, मन राम का भ्रमर,
गाए राम राम हरपल राम राम,
निशदिन राम राम, जय श्री राम राम,
हे राम सुमन मन भ्रमर बड़भागी,
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि,
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि।।
बड़ी चतुराई से केवट ने, चरणामृत का पान किया,
चरण धूल ने श्रापित नारी, अहिल्या का कल्याण किया, राम नाम जिन पर लिखा, तर गए वे पाषाण,
राम भक्त हनुमान के, राम ही जीवन प्राण,
श्री राम जय राम जय जय राम,
श्री राम जय राम जय जय राम।।
गुरुजन की आज्ञा शीश धरी, पितृ वचनों का सत्कार किया, भीलनी को दिए दर्शन प्रभु ने, निज भक्तो से सदा प्यार किया,
दशरथ सूत ने दशमी को, दशमुख रावण का संहार किया, जिसे मार दिया उसे तार दिया, अवतार धरे उपकार किया, सितार के तारो में झंकृत, श्री राम जय राम जय जय राम, मुरली की तानो में मुखरित, श्री राम जय राम जय जय राम, शिव शंकर का डमरू बोले, श्री राम जय राम जय जय राम, श्री राम जय राम जय जय राम।।
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि,
मन हमारा हुआ, राम राम जी का सुआ,
बोले राम राम, हरपल राम राम,
निशदिन राम राम, जय श्री राम राम,
हे राम ही राम रटे बैरागी,
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि।।