Sarvaarth Siddhi Mantra सर्वार्थ सिद्धि मंत्र ★
सर्वार्थ सिद्धि मंत्र का प्रभाव साधकों के लिए जीवन में पूर्णता प्राप्त कर सकता है और अगर चाह लें, तो पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त कर सकते हैं। यह महामंत्र माता भगवती दुर्गा जी सहित उनके तीनों स्वरूपों महासरस्वती, महालक्ष्मी व महाकाली को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद व दर्शन प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण मंत्र है।
मंत्र जाप रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से किया जा सकता है कमलगट्टे व मूंगे की बनी माला भी प्रभावक होती है।
सर्वार्थ सिद्धि मंत्र :-
★ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल, प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ★
1. मारण :-मारण का भाव है अपने क्रोध, मद, लोभ आदि का नाश, न कि किसी की हत्या का चिंतन करना। इस मंत्र के जाप से शत्रुपक्ष की शक्ति क्षीण हो जाती है।
2. मोहन :- मोहन का तात्पर्य है अपनी इष्ट माता भगवती जी को प्रसन्न करना। यदि वह साधक पर प्रसन्न हो गयीं, तो फिर प्रकृतिसत्ता उसकी इच्छानुसार समाज के हर क्षेत्र में साधक के प्रति सम वातावरण तैयार करती रहती है।
3. वशीकरण :-अपने मन को पूर्णतया अपने वश में किया जा सकता है और जिसका अपने मन पर अधिकार हो जाता है, वह स्वतः सबके मन पर अधिकार करने की पात्रता प्राप्त कर लेता है।
4. स्तम्भन :- इस मंत्र के माध्यम से अपनी इन्द्रियों को विषय-विकारों से रोका जा सकता है या स्तम्भित किया जा सकता है। जो व्यक्ति अपने विषय-विकारों को रोकने की क्षमता प्राप्त कर लेता है, वह हर क्षेत्र में स्तम्भन कर सकता है।
5. उच्चाटन :-इस मंत्र के द्वारा मोह, ममता, लिप्तता आदि को त्यागकर साधक मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहता है और जिसने स्वयं को भौतिक जगत् से उच्चाटित करके आध्यात्मिक जगत् से नाता जोड़ लिया, तो फिर वह किसी भी स्थिति का उच्चाटन कर सकता है।