Shri Shankheshwar Parshvanath Stuti श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तुति ◆
जेना स्मरण थी जीवन ना संकट बधा दूरे टले,
जेना स्मरण थी मन तणा वांछित सहु आवी मले,
जेना स्मरण थी आधि ने व्याधि उपाधी ना टके,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं... १
विघ्नो तणा वादल भले चोमेर घेराई जता,
आपत्तिना कंटक भले चौमेर वेराई जता,
विश्वास छे जस नामथी ए दूर फेंकाई जता,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं...२
त्रण कालमा, त्रण भुवनमा विख्यात महिमा जेहनो,
अद्भुत छे देदार जेहना दर्शनीय आ देहनो,
लाखों करोड़ों सूर्य पण जस आंगणे झांखा पडे,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं.... ३
धरणेन्द्रने पद्मावती जेनी सदा सेवा करे,
भक्तो तणा वांछित सघला भक्तिथी पुरा करे,
इन्द्रो नरेन्द्रोने मुनिन्द्रो जाप करता जेहनो,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमां प्रेमे नम .... ४
जेना प्रभावे जगतना जीवो बधा सुख पामता,
जेना नवणथी जाधवो ना रोग दूरे भागता,
जेना चरणना स्पर्शने निशदिन भक्तो झंखता,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं.... ५
बे काने कुण्डल जेहना माथे मुगट विराजतो,
आंखो महि करूणा अने निज हैये हार विराजतों,
दर्शन प्रभुनुं पामी मननो मोरलो मुज नाचतो,
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं.... ६
ॐ ह्रीं पदोने जोडी ने शंखेश्वरा ने जे जपे,
धर्णेन्द्र-पद्मावती सहित शंखेश्वरा ने जे जपे,
जन्मो जन्म ना पापने सहु अन्तरायो तस टूटे
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमुं.... ७
कलिकालमा हाजरा हजूर देवों तणा ए देव जे
भक्तों तणी भव भावठों ने भांगनारा देव जे,
मुक्ति किरणनी ज्योत ने प्रगटावनारा देव जे
एवा श्री शंखेश्वर प्रभुना चरणमा प्रेमे नमु ... ८ ◆