Swayamvara Parvathi Mantra स्वयंवर पार्वती मंत्र
यह मंत्र स्वयंवर पार्वती स्तोत्र से लिया गया है। यह मंत्र स्वयंवर पार्वती स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक के प्रथम अक्षर से मिलकर बना है।
कोशिश करें कि समय एवं स्थान एक सा रहे.
माता रानी को फल फूल नैवेद्य अर्पित करें एवं धूप दीप जलाएं।
कम से कम 108 मंत्र प्रतिदिन 48 दिन तक करें अगर आपमें क्षमता है तो 1008 बार मंत्र भी आप प्रतिदिन कर सकते हैं।
वैसे शास्त्रीय विधि अनुसार इन मंत्रों के जप की संख्या 1 लाख बताई गई है। अगर आप की क्षमता है तो आप निश्चित संख्या में जप कर वह संख्या भी पूरी कर सकते हैं लेकिन यह केवल आपकी इच्छा पर ही निर्भर करता है.
★ ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयन्करी सकल स्थावर जन्गमस्य मुख हृदयं मम वशं आकर्षय आकर्षय नमः ॥ ★
आप स्त्री अथवा पुरुष अगर आपकी शादी में देर हो रही है और शादी के संबंध आकर चले जाते हैं लेकिन बात नहीं बन रही हैं तो आप इस मंत्र को श्रद्धा पूर्वक पूर्ण विश्वास के साथ करें, शीघ्र ही आप का कार्य पूर्ण होगा।
अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और विवाह करना चाहते हैं तो यह मंत्र आपकी प्रेम को पूर्ण करने में और विवाह कराने में बहुत सहायक होगा अतः श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का जाप करें।
अगर आपकी शादी हो चुकी है लेकिन आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी कारण से परेशानियां चल रही है अथवा बात तलाक तक पहुंच चुकी है तो आप इस मंत्र को पूरी श्रद्धा से करें। मां गौरी से प्रार्थना करें कि वह आपके वैवाहिक जीवन (दांपत्य जीवन) की रक्षा करें और आपके दांपत्य जीवन में मधुरता लाए और उसे लंबा करें। आप शीघ्र ही देखेंगे कि आपकी दांपत्य जीवन से परेशानियां दूर हो रही है और आपका दांपत्य जीवन मधुर हो रहा है।
इसके साथ ही साथ अगर सब कुछ ठीक होते हुए भी आप की प्रजनन क्षमता दुर्बल हो रही है अर्थात् आपको संतान की प्राप्ति में बाधा आ रही है तो भी आप इस मंत्र को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करके मनोरथ की पूर्ति कर सकते हैं।