Tilak (Teeka) Application Mantra तिलक (टीका) लगाने का मन्त्र ◆
भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं प्रचलित हो। तिलक का अर्थ है पूजा के बाद माथे पर लगाया जानेवाला निशान । यह हिन्दू रीति रिवाज अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है। उत्तर भारत में आज भी तिलक आरती के साथ आदर सत्कार स्वागत कर तिलक लगाया जाता है।
तिलक करते समय इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है
★ केशवानन्त गोविन्द बाराह पुरूषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।
यस्मिन्निदं जगद्शेषमशेष मूर्ती ।
रज्जवां भुजंगमइव प्रतिभासितं वै ।।
श्लोकत्रयमिदं पुण्यं लोकत्रयविभूषणम् ।
प्रातः काले पठेद्यस्तु स गच्छेत्परमं पदम् ।। ★
तिलक हमेशा भौंहो के बीच 'आज्ञाचक्र' भ्रुकुटी पर किया जाता है जो कि चेतना केंद्र भी कहलाता है एवं हमारे चिंतन-मनन का स्थान है , यह चेतन-अवचेतन अवस्था में भी जागृत एवं सक्रिय रहता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है। आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है।
सनातन धर्म में तिलक धारण करने का बड़ा महत्व है। तिलक मस्तक, कंठ, भुजाओं, हृदय और नाभि पर लगाने का नियम है, लेकिन अन्य अंगों पर भले ही न लगाएं पर मस्तक के मध्य में अवश्य लगाना चाहिए।
आमतौर से तिलक अनामिका द्वारा लगाया जाता है। तिलक संग चावल लगाने से लक्ष्मी को आकर्षित करने का और ठंडक व सात्विकता प्रदान करने का निमित छुपा हुआ होता हैं। अतः जानकारों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को तिलक ज़रूर लगाना चाहिए।
तिलक लगवाते समय सिर पर हाथ इसलिए रखते हैं कि सकारात्मक ऊर्जा हमारे शीर्ष चक्र पर एकत्रित हो, साथ ही हमारे विचार सकारात्मक हो व कार्यसिद्ध हो । तिलक में हाथ की चारों अंगूलियों और अंगूठे का एक विशेष महत्व है , अनामिका अंगुली शांति प्रदान करती है, मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है ।
अंगूठा प्रभाव, ख्याति और आरोग्य प्रदान करता है जबकि तर्जनी मोक्ष देने वाली अंगुली है । ज्योतिषों के अनुसार अनामिका व अंगूठा तिलक करने में सदा शुभ माने गए हैं । अनामिका सूर्य पर्वत की अधिष्ठाता अंगुली है । यह अंगुली सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है । अंगूठा हाथ में शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है और शुक्र ग्रह जीवन शक्ति का प्रतीक है।