आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के यूएन विभाग (UN DESA) की नवीनतम ‘विश्व आर्थिक स्थिति एवं सम्भावनाएँ 2024’ नामक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष वैश्विक आर्थिक प्रगति की रफ़्तार धीमी रहने की सम्भावना है, और यह 2023 के अनुमान 2.7 प्रतिशत से घटकर 2.4 प्रतिशत पर लुढ़क सकती है. एशिया व प्रशान्त क्षेत्र के लिए यूएन आर्थिक व सामाजिक आयोग (UNESCAP) के पूर्व निदेशक, नागेश कुमार का कहना है कि मुद्रास्फीति, निवेश में कमी, भूराजनैतिक हालात और मौजूदा हिंसक टकराव समेत ऐसे कई कारण हैं, जिनसे विश्व आर्थिक परिदृश्य पर गम्भीर असर हुआ है. उन्होंने यूएन न्यूज़ की अँशु शर्मा के साथ एक विशेष बातचीत में बताया कि निर्धन देशों के पास वित्त पोषण की कमी है, जिसके कारण उनके लिए बढ़ती खाद्य क़ीमतों, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.