संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के भारत कार्यालय में आबादी मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार का कहना है कि क़रीब आठ अरब हो चुकी विश्व जनसंख्या को एक संसाधन, और अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए.यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNFPA) ने अपनी एक नई रिपोर्ट में आगाह किया है कि विश्व जनसंख्या में वृद्धि के मुद्दे पर चिन्ता या भय फैलाने वाले वृतान्तों से बचा जाना होगा, और महिलाओं के शरीरों को सरकारी नीतियों का बन्धक बनने से भी रोकना होगा.यूएन एजेंसी के अनुसार, आबादी का आकार चाहे जैसा भी हो, समावेशी और फलते-फूलते समाजों का निर्माण किया जा सकता है.हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने डॉक्टर संजय कुमार से इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं के बारे में विस्तार से बातचीत की और जानना चाहा कि भारत के लिए इस रिपोर्ट के क्या मायने हैं.