संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार (2025) से सम्मानित भारत की महिला अधिकार कार्यकर्ता वर्षा देशपांडे का कहना है कि ये केवल किसी एक व्यक्ति को मिला हुआ सम्मान नहीं है. इस सम्मान से नागरिक समाज के उन सभी कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिलेगी, जो दुनिया भर में लिंग आधारित हिंसा, महिलाओं के साथ भेदभाव के विरुद्ध लड़ाई का हिस्सा हैं.वर्षा देशपांडे, दलित महिला विकास मंडल नामक संगठन की संस्थापक, सचिव हैं, और पिछले साढ़े तीन दशकों से महिलाओं के अधिकारों व लैंगिक न्याय के लिए प्रयासरत हैं.वर्षा देशपांडे ने यूएन न्यूज़ हिन्दी को बताया कि यह पुरस्कार एक विशाल दायित्व का एहसास होने के साथ-साथ, देशों की सरकारों के लिए एक सन्देश भी है कि लैंगिक हिंसा व भेदभाव जैसे मुद्दों को और अधिक गम्भीरता से लिया जाना होगा.