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योग-वेदान्त पर दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती जी के प्रवचन। प्रस्थानत्रयी, योगसूत्र, योगवासिष्ठ इत्यादि के अतिरिक्त श्रीरामचरित मानस, रामायण, महाभारत एवं पुराण इत्यादि की वेदान्तपरक व्य... more
FAQs about दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती:How many episodes does दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती have?The podcast currently has 510 episodes available.
May 06, 2021एपिसोड 518। आयुर्वेद में सदाचार, भाग -6.इस एपिसोड में - *अध्ययनकाल के नियम *हवन इत्यादि नित्यकर्म *आचार सम्बन्धी अन्य प्रकीर्ण नियम च. 8.27-31...more12minPlay
May 05, 2021एपिसोड 517। आयुर्वेद में सदाचार (भाग -5) भोजन सम्बन्धी शिष्टाचार।इस एपिसोड में - *भोजन करने के नियम -*सुपाच्य और गरिष्ठ पदार्थ के अनुसार भोजनकी मात्रा।*भोजन से पूर्वके शिष्टाचार सम्बन्धी विधि/निषेध।(च.5/1 तथा 8/23-25)...more16minPlay
May 04, 2021एपिसोड 516। आयुर्वेद के मूलभूत नियम और सिद्धान्त। आयुर्वेद में सदाचार, भाग -4.इस एपिसोड में - चरकसंहिता और पातञ्जल योगसूत्र - अष्टाङ्ग योग। *उचित आहार विहार ... * अष्टाङ्गयोग के प्रथम दो अङ्ग यम और नियम अर्थात् सदाचार इत्यादि सम्बन्धी सामान्य निर्देश। (च. अध्याय 8)...more22minPlay
May 04, 2021एपिसोड 515। आयुर्वेद के मूलभूत नियम और सिद्धान्त। भाग -3.इस एपिसोड में - *अफीम इत्यादि कोई भी नशा तथा चाय काफी तम्बाकू इत्यादि अन्य अहितकर पदार्थों को छोड़ने और दूध घी मेवा इत्यादि हितकर पदार्थों के सेवन की क्रमिक विधि। * कुसंग के त्याग और सत्संग के सेवन का निर्देश। च. 7.34-36, 7.54-57...more18minPlay
May 03, 2021एपिसोड 514। आयुर्वेद के सर्वजनोपयोगी नियम और सिद्धान्त - भाग -2.इस एपिसोड में - *आयुर्वेदशास्त्र का प्रयोजन। *आयुर्वेदशास्त्र की परिभाषा और लक्षण।*आयुकी परिभाषा और लक्षण।*व्याधियों के कारण और आश्रय।*व्याधियों के तीन प्रकार।* व्याधियों के कारण और शमन के उपाय। प्रज्ञापराधज रोग।च. 1.39-47, 51-56, 7.49-53, 11.49...more15minPlay
May 03, 2021योग-वेदान्त। एपिसोड 513 । सामयिक विषय - आयुर्वेद के सर्वजनोपयोगी नियम एवं सिद्धान्त।नारायण! महामारी के लम्बे प्रकोप को देखते हुये विगत वर्ष से पातञ्जल योगसूत्रको समसामयिक समझते हुये उसकी वेदान्तपरक व्याख्या कर रहे थे। जिन्होने भी नियमित सुना होगा उनको प्रत्यक्ष या परोक्ष किसी न किसी रूपमें लाभ अवश्य हुआ होगा। अभी प्रकोप उग्र रूपमें है, सर्वत्र भय का वातावरण है, अतः वेदान्त श्रवण में सामान्यजन का मन न लगना स्वाभाविक है। अतः इस समय आयुर्वेद को अधिक प्रासंगिक समझते हुये उसके सर्वजनोपयोगी नियमों एवं सिद्धान्तों की चर्चा करेंगे। ध्यातव्य है कि आयुर्वेद हमारा विषय नहीं है। अतः रोगों एवं ओषधियों का विवरण नहीं देंगे। हमारी दृष्टि मूलभूत सिद्धान्तों और निवारक उपायों की ओर होगी और प्रज्ञापराध पर विशेष ध्यानाकर्षण होगा। योगशास्त्र के अष्टाङ्गयोग के प्रथम दो अङ्ग यम और नियम आयुर्वेद, वेदान्त , ज्योतिष, धर्मशास्त्र इत्यादि समस्त क्षेत्रों में समान रूप से उपयोगी हैं। इसी प्रकार भगवद्गीता का वचन "युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्त स्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।।" भी समस्त क्षेत्रों में प्रयोज्य है। शरीर एक नगर है हम इसके निवासी, राजा तथा रक्षक हैं। इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। रक्षा के उपाय क्या हैं, यही आयुर्वेद में बताया गया है।...more13minPlay
April 29, 2021योग-वेदान्त। एपिसोड 512- ज्ञान की सात भूमिकायें।सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रह श्लोक 941-948/ योगवासिष्ठ महारामायण, उत्पत्तिप्रकरण सर्ग 18 - ज्ञानकी सात भूमिकायें - 1. शुभेच्छा, 2. विचारणा, 3. तनुमानसा, 4. सत्वापत्ति, 5. पदार्थाभाविनी, 6. असंसक्ति तथा 7. तुर्यगा। सातों भूमिकाओं के लक्षण। इनमें प्रत्येक के अनेक स्तर होते हैं। शुभेच्छा से आरम्भ करिये, सत्संग करिये, क्रमशः स्वाभाविक रूपसे आगे बढेंगे। जितनी सीढी़ चढे़ रहेंगे, अगले जन्म में उससे आगे ही बढे़ंगे। भगवान् श्रीकृष्ण ने भी कहा है - "बहूनां जन्मनामन्ते ज्ञानवान्मां प्रपद्यते"। "अनेकजन्मसंसिद्धस्ततो याति परां गतिम्"।...more26minPlay
April 27, 2021योग-वेदान्त। एपिसोड 510 - चित्त की 5, योगकी 8 तथा अज्ञान और ज्ञान की 7-7 अवस्थायें।योग-वेदान्त। एपिसोड 510 - पातञ्जल योगसूत्र एवं योगवासिष्ठ महारामायण। चित्त की 5, योगकी 8 तथा अज्ञान और ज्ञान की 7-7 अवस्थायें ....। योगशास्त्र की शब्दावली में सामान्य लोगों का चित्त विक्षिप्तावस्था में रहता है। स्वप्न क्या है ? क्या मृत्यु के उपरान्त जीव स्वप्नावस्था में रहता है? ज्ञान की सात भूमियों का विशेष विवरण - अगले एपिसोड में ।...more20minPlay
April 25, 2021वेदान्त प्रवेश4. E509दुर्लभं त्रमेवैतद् दैवानुग्रहहेतुकम्। मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुषसंश्रयः।।नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत जेही।। नरक स्वर्ग अपवर्ग निसेनी। ज्ञान बिराग भगति सुभ देनी।।...more24minPlay
April 25, 2021वेदान्त प्रवेश- 3 पिछले एपिसोड 507 का खण्डित भाग। (एपिसोड 508)मनुष्य , मनुष्यों में पुरुष, पुरुषोंमें ब्राह्मण, ब्राह्मणों में भी वेदनिष्ठा, वैदिकों में विद्वत्ता। विद्वानों में भी आत्मा-अनात्मा का विवेचन करने वाली बुद्धि से सम्पन्न होना - यह सब करोणों जन्मों के पुण्य के परिपक्व होने पर ही होता है।...more2minPlay
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