प्यारे साथियों ! एक बात तो मान लीजिये कि प्रेम में पीड़ा नहीं होती है जैसा कि मैं बार बार दोहरा रहा हूँ , और दोहराता रहूँगा ...
या, फ़िर मैं यूँ कहूं कि अगर घरेलू हिंसा पीड़ित जोड़ों में, अत्याचारी प्रेमी / Partner, यानि कि "Abuser", आपको (Abused को) प्रेम के साथ ऐसी पीड़ा भी दे रहा है जिसको आप (Abused) ख़ुल कर स्वीकार करना तो दूर की बात, लोगों से छुपाते फ़िर रहें हैं तो लाज़िमी है कि ये सवाल तो उठेगा ही कि आख़िर वो (Abuser) कौन सा प्रेम दे रहा है आपको, यानि (Abused को) जो कि आपको हर तक़लीफ़ और दर्द सहने की ताक़त देता है ?
ज़ाहिर बात है कि आप जितना प्रेम बरसा रहें हैं, वो Abuser अपने हक़ के तौर पर ले लेता है और आप अपने कर्त्तव्य के तौर पर दे देते हैं ... पर बड़ा और गंभीर सवाल यह है कि
क्या बदले में Abuser आपको भी उतना सम्मान और प्यार देता है, या वो आपको Taken for Granted ही ले लेता है ? मसलन, आप जो भी करतीं हैं वो उसकी नज़र में महज़ आपका फ़र्ज़ है और उसका हक़ !
जो झूठ का संसार आप बना कर रखते हैं अत्याचारी / Abuser की रक्षा के लिए, कहीं आप उसमें ख़ुद को व अपने बच्चों को तो नहीं पीस रहें हैं ? अग़र आप ऐसा कर रहें हैं तो अफ़सोस आप भी एक तरह से Abuser ही तो हैं .... बस आप हिंसा नहीं कर रहें हैं, पर हिंसा को होने तो दे ही रहें हैं बंद दरवाज़ों के भीतर ... आपको न परिस्थितियां सुधारने में रूचि रह गयी है और न ही अपने बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में ... आप सिर्फ़ ज़िन्दगी काट रहें हैं .... और, उस एकतरफ़ा प्यार की वज़ह से सच्चाई से मुँह चुरा रहें हैं, ख़ुद को धोख़ा दे रहें हैं ..... #alwaysvikas