गुरु के जीवन में न होने से न कोई गति, न ज्ञान प्राप्त होता है। हमारी इच्छाओं की पूर्ति होनी हो तो, गुरु तत्त्व का होना आवश्यक है। जीवन में जब हम राग - द्वेष में अटक जाते हैं, तो ध्यान के माध्यम से इन सब से बाहर आ सकते हैं।
गुरु के होने से असंभव भी संभव हो जाता है। इसलिए ज्ञान, गमन, प्राप्ति एवं मोक्ष के लिए गुरु का होना अति आवश्यक है।
आइये अनुग्रह मेडिटेशन के माध्यम से गुरु तत्व के प्रति कृतज्ञ होते हैं।
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