योगासन और शारीरिक व मानसिक अनुशासन के ज़रिये ना सिर्फ़ प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूती प्रदान करने और कोविड-19 के दुष्प्रभावों से उबरने से मिल सकती है, बल्कि योग को दैनिक जीवन में शामिल करने से, एक स्वस्थ जीवन की नींव भी तैयार की जा सकती है.
यह कहना है कि डॉक्टर कृष्णा रामन का, जिन्होंने सोमवार, 21 जून, को ‘अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन द्वारा ‘Yoga for well being’ नामक विषय पर आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा में हिस्सा लिया.
उनका मानना है कि योग, बीमारियों के उपचार में सहायक होने के साथ-साथ, उनकी रोकथाम में भी प्रभावी है.
डॉक्टर रामन ने कम उम्र में ही योग अभ्यास की शुरुआत की और अपनी मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद एक चिकित्सक के तौर पर, पिछले तीन दशकों से, पश्चिमी चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ, जीवन शैली में योग के महत्व को भी बढ़ावा दिये जाने के लिये प्रयासरत हैं.
यूएन न्यूज़ हिन्दी के सचिन गौड़ के साथ डॉक्टर रामन की एक ख़ास बातचीत...