"जहाँ योगेश्वर श्री कृष्ण हैं और जहाँ अर्जुन जैसे धनुर्धर (बाण चलाने वाले) हैं, वहाँ निश्चित रूप से श्री (समृद्धि), विजय, ऐश्वर्य, स्थिरता और नीति (सिद्धांत) हैं। यह मेरी राय है।"
संजय यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जहां भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन होते हैं, वहाँ हमेशा विजय और सफलता होती है। उनका यह कथन यह भी दर्शाता है कि जब धर्म, नीति और ज्ञान के प्रतीक भगवान श्री कृष्ण साथ होते हैं, तो वहाँ हर कार्य में सफलता और समृद्धि मिलती है।