थोड़ी सी समझदारी, मेहनत,लगन, इमानदारी, धैर्य और सद्व्यवहार इंसान के जीवन के ऐसे गुण हैं, जिनके सहारे कोई भी किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है। किंतु आज लालच, बेइमानी, रातों-रात अमीर बनने की चाहत जीवन का पर्याय बन चुके हैं। नैतिकता तो जैसे गुज़रे ज़माने की बात हो गई है। इसीलिए चारों तरफ अशांति, दुख, हताशा, निराशा और पाग़लों की तरह एक-दूसरे से आगे निकलने की गला-काट होड़ मची हुई है।