* ज्ञान के लिये ध्यान और विचार आवश्यक है
* ध्यान के 12 सहायक योगों का विवरण ः-
1. देशयोग - स्थानका चयन - समतल पवित्र निर्जन
2. कर्मयोग - आहार विहार सोना जागना नियमित संयमित हो
3. अनुरागयोग - परमात्मा और उसकी प्राप्तिके साधनों हेतु अत्यंत उत्कण्ठा।
4. अर्थयोग - अपरिग्रह
5. उपाय - उपयुक्त आसन में बैठना।
6. अपाय - अनासक्ति - संसार और संसार के विषयों , भौतिक धनसम्पत्ति, सगे सम्बन्धियों इत्यादि में ममत्व न होना।
7. निश्चय(श्रद्धा) - गुरु और शास्त्र के वचनों में विश्वास।
8. चक्षुस - ध्यान का केन्द्रविन्दु निर्धारित करके वहां दृष्टि स्थिर करना, यथा भ्रूमध्य में ।
9. आहार - नियमित शुद्ध सात्विक आहार
10. संहार - इन्द्रियों को उनके विषयों की ओर जाने से रोकना।
11. मनोयोग - मनको संकल्प विकल्प से रहित करके एक मात्र ध्येय में स्थापित करना।
12. दर्शनयोग - जन्ममृत्यु जरा रोग सुख दुःख से परे होकर प्रत्येक घटना के प्रति द्रष्टा भाव रखना।
यह योग सबके लिये है। इसमें वर्णका भेद नहीं है। वेदज्ञ हो या वेदज्ञान से रहित - सब इसके अधिकारी हैं।