*ब्रह्माजी द्वारा हंसका और भगवान् विष्णु द्वारा वाराह का रूप धारण करने का रहस्य।
*परमात्मा के ज्ञान के लिये प्रयास के साथ परमात्माकी कृपा भी आवश्यक है।
*पक्षियों की उडा़न के स्तर(लेन) - 1.गौरैया कबूतर इत्यादि दाना चुगने वाले 2.कौआ एवं फलभक्षी तोता इत्यादि, 3.चील सारस चकवा इत्यादि, 4.बाज 5. गीध 6. हंस 7. गरुड़ ।
*जिस दिन ब्रह्मा-विष्णुके विवादभगवान् विष्णु ने वाराह रूप धारण
*सृष्टि रचना हेतु सामग्री एवं उपकरण। चौबीस तत्वों की उत्पत्ति। ब्रह्माजी का तप और विष्णुका वरदान।
*विष्णु द्वारा ब्रह्माण्ड में प्रवेश और अचेतन ब्रह्माण्ड का सचेतन होना।
*पहले तमोगुणी सृष्टि, तत्पश्चात स्थावर ..।