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योग-वेदान्त पर दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती जी के प्रवचन। प्रस्थानत्रयी, योगसूत्र, योगवासिष्ठ इत्यादि के अतिरिक्त श्रीरामचरित मानस, रामायण, महाभारत एवं पुराण इत्यादि की वेदान्तपरक व्य... more
FAQs about दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती:How many episodes does दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती have?The podcast currently has 510 episodes available.
October 20, 2020देवीभागवत। त्रिपुरसुन्दरीका अर्थ।अद्वैत भावसे देवीकी उपासना। देवीने सृष्टिके आरम्भमें भगवान् विष्णुको उपदेश दिया- सर्वं खल्विदमेवाहं नेह नानास्ति सनातनम्।...more18minPlay
October 19, 2020देवीभागवत। पुराणों के लक्षण और नाम।विरोधाभास का निराकरण।पुराणों के पांच मुख्य लक्षण -"सर्गश्च प्रतिसर्गश्च वंशो मन्वन्तराणि च। वंशानुचरितं चैव पुराणं पञ्च लक्षणम्।। देवी भा. 1/2/18.।। अठारह पुराणों के नामसंकेत - "मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं वचतुष्ट्यम्।अनापलिंगकूस्कानि पुराणानि पृथक् पृथक्।। देवी भा 1/3/2।।...more22minPlay
October 18, 2020देवीभागवत माहात्म्य २. स्यमन्तक मणि प्रकरणश्रीकृष्ण के जन्मसे पूर्व वसुदेवजीने संतानरक्षा हेतु यदुवंशके गुरु गर्ग से उपाय पूछा तो गर्गजी ने देवीकी आराधना करनेको कहा। वसुदेव तो कारागारमें थे। अतः उनके निवेदन पर गर्ग जी ने ही उनकी ओर से विन्ध्याचल में जाकर देवी की आराधना किया। देवी ने प्रसन्न होकर कहाकि देवकी का अगला गर्भ मेरी प्रेरणासे विष्णुका अवतार होगा और मेरी अंशरूपा कन्या यशोदा के गर्भसे अवतरित होगी ...। श्रीकृष्णके बडे़ होकर द्वारका में शासन करते समय उन पर स्यमंतक मणि चुराने का आरोप लगा। मणिकी खोज करते हुये श्रीकृष्ण वन में गये और जाम्बवान से २७ दिन तक युद्ध किये। इधर १२ दिन तक वापस न आने पर वसुदेव और द्वारकावासी शोकाकुल हो गये तो नारदजी ने वसुदेव को देवीभागवत सुनाया। देवीभागवत की पूर्णाहुति होकर ब्राह्मणभोजन हुआ। ब्राह्मण लोग आशिर्वचन कर ही रहे थे, तब तक श्रीकृष्ण स्यमन्तक मणि और जाम्बवती के साथ सकुशल वापस आ गये।...more23minPlay
October 18, 2020श्रीमणिरत्नमाला (प्रश्नोत्तरी) श्लोक ९-११, प्रश्न संख्या २९-३७२९- ब्रह्मप्राप्तिके साधन क्या हैं - सत्संग, दान , विचार और संतोष। ३०- संत किसे कहते हैं - जिनका सांसारिक वस्तुओंके प्रति राग न हो, जिनका मोह दूर हो चुका हो और जिनकी शिवतत्वमें निष्ठा हो। ३१- ज्वर क्या है - चिन्ता। मूर्ख कौन - जिसमें विवेक नहीं। ३२- सर्वोत्तम कर्तव्य क्या है - शिव और विष्णुकी भक्ति। ३३- जीवन क्या है - जो दोषरहित हो। ३४- विद्या किसे कहते हैं - जो ब्रह्मकी प्राप्ति कराये। ३५- बोध या ज्ञान क्या है - जिससे समस्त दुःखोंसे मुक्ति मिल जाय।३६- सबसे बडा़ लाभ क्या है- आत्मज्ञान।३७- संसार को कौन जीत सका है - जिसका मन अपने वशमें हो।...more14minPlay
October 17, 2020देवीचर्चा। श्रीमद्देवीभागवत। सौन्दर्य लहरी।शक्ति और शक्तिमान् परस्पर अभिन्न हैं। भगवती और भगवान् का एक ही अर्थ है। "भग" की परिभाषा दोनों के लिये एक ही है - "ऐश्वर्यस्य समग्रस्य धर्मस्य यशसः श्रियः । ज्ञानवैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरिणा।। समग्र ऐश्वर्य,समग्र धर्म,समग्र यश,समग्र श्री,समग्र ज्ञान और समग्र वैराग्य को भग कहते हैं। यह भग जिसमें सर्वदा रहे वह भगवती अथवा भगवान्।...more18minPlay
October 17, 2020श्रीमणिरत्नमाला (प्रश्नोत्तरी) 7गुरु कौन ? जो हितका उपदेश करे। शिष्य कौन? जो गुरुभक्त हो। सबसे लम्बा रोग क्या? संसार। इस लम्बे रोग का उपचार क्या? इसके अस्तित्व पर विचार करना।...more4minPlay
October 16, 2020योगवासिष्ठ 2.10. सर्वज्ञ वसिष्ठकी उत्पत्ति और ब्रह्माजी द्वारा उपदेश।लोककल्याणके लिये उपदेश देना था। उपदेश उसीको देना सार्थक होता जो अज्ञानी हो। अतः ब्रह्माजी ने वसिष्ठको पहले शाप देकर सर्वज्ञसे अज्ञानी बनाया। तदुपरान्त तत्वोपदेश किया। अन्यथा दोनों सर्वज्ञ थे तो कौन किससे किसलिये प्रश्न करता और कौन किसको उपदेश देता ? उपदेश न होता तो मनुष्यों को ज्ञान कैसे होता ? लोककल्याण कैसे होता?...more18minPlay
October 16, 2020मानस, बाल 9.1-2। खल परिहास होइ हित मोरा।दुर्जनों और मूर्खों द्वारा की जाने वाली निन्दासे क्षुब्ध नहीं होना चाहिये। बहुसंख्या तो मूर्खोंकी ही होती है। निन्दासे संन्यासी/ज्ञानीके पापकर्म नष्ट होते हैं। संन्यासी कर्म और कर्मफलसे सर्वथा मुक्त होता है। उससे शरीरयात्रा और लोककल्याण के कार्यमें यदि कोई दोष हो भी जाता है तो उसका फल निन्दकों के पास चला जाता है और संन्यासीसे जो कुछ पुण्यकर्म होता है उसका फल उसके शिष्यों, सेवकों और प्रशंसकों के पास चला जाता है। इस प्रकार संन्यासी पुण्य-पाप या शुभ-अशुभ दोनों से मुक्त होकर परमात्मामें लीन होता है।...more18minPlay
October 16, 2020श्रीमणिरत्नमाला 6पाश या सबसे बडा़ बन्धन क्या है - ममता। सबसे बडा़ नशा क्या है - स्त्री (ध्यान दें - स्त्री शब्दका प्रयोग है, पत्नी , माता इत्यादि नहीं)। सबसे बडा़ अन्धा कौन - कामातुर। मृत्यु क्या है - अपना अपयश।...more9minPlay
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