If there is a Will, There is a Way l Dr. Joykumar Singh l The Genius Talk
मणिपुर जैसे छोटे से राज्य में एक गरीब किसान के घर जन्मे डॉ. जॉयकुमार महज पांच साल की उम्र में एक आकस्मिक अकस्मात की वजह से कुछ घंटे कोमा में थे और कोमा से बाहर आने के बाद के वर्षों तक उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओ से जूझना पडा। साथ ही, वर्षों पहले, उसके पिता एक लाइलाज बीमारी के कारण बिस्तर पर थे। जब कोई दवा उसे ठीक नहीं कर पाई या कोई डॉक्टर बीमारी का निदान नहीं कर सका, तो उसके पिता नेचरोपेथी (प्राकृतिक चिकित्सा) के कारण ठीक हो गए और बिस्तर से उठ पाए, तब उनके पिता की इच्छा थी कि मेरा कोई एक संतान नेचरोपेथी (प्राकृतिक चिकित्सा) में जाए ताकि मेरी इस बीमारी की वजह से मेरे गरीब परिवार को जो पीड़ा भुगतनी पड़ी वैसे कोई और पीडित हो तो उनके लिए मददगार हो सकते हैं। यह बीडा डॉ. जॉयकुमारने उठाया और उस समय यह कोर्स पूरे भारत में केवल हैदराबाद में ही होता था। प्रथम वर्ष की परीक्षा में उन्हें बहुत कम मार्क्स मिले लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, कड़ी मेहनत की और अंतिम परीक्षा टोपर बनकर डॉक्टर बने।
जब वे कॉलेज खत्म करके बाहर आए तो देखा कि लोगों में नेचरोपेथी (प्राकृतिक चिकित्सा) के बारे में बहुत कम जागरूकता थी, इसलिए लोगों की सेवा के साथ प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता लाने के लिए प्रयास शुरू किए। अगर वो चाहते तो एक जगह आराम से जॉब कर के जीवन जी सकते थे, लेकिन उन्होंने पूरे भारत में प्राकृतिक चिकित्सा के विचार को फैलाने और बड़ी संख्या में लोगों को इसका लाभ मिले इसके लिए चुनौती स्वीकार ली।
उसके बाद, उन्होंने हिमाचल प्रदेश, देहरादून, राजस्थान आदि जैसे भारत के शीर्ष प्रकृति उपचार केंद्रों को शुरु करने में और उन्हें एक अच्छे स्तर पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई। वर्तमान समय में डॉ. जॉयकुमार राजकोट में "आत्मानिम नेचर क्योर सेंटर" में चीफ मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं। यहां भी उन्होंने वैदिक विज्ञान को प्राकृतिक चिकित्सा के साथ जोड़ दिया यानी दर्दीओ का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आयुर्वेद से किया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा न केवल रोग ग्रस्त लोगो के लिए उपयोगी है बल्कि हर एक इंसान के लिए ये जरुरी है और लोग कोविड 19 के बाद स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं। जिस प्रकार वाहन को निश्चित समय पर सर्विस की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार शरीर को भी निश्चित समय पर डिटॉक्सीफाई करने की आवश्यकता होती है और इसमें प्राकृतिक चिकित्सा उपयोगी है। "आत्मानिम नेचर क्योर सेंटर" गुजरात में सबसे अच्छा प्रकृति इलाज केंद्र है और इसमें ऐसी सुविधाएं हैं जिन्हें भारत में शीर्ष 5 में माना जा सकता है।
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